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हँसी मे छिपे ग़म (Sorrow behind the laughter)
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राहत की परतों मे छिपे ज़ख़्म को देखा है | मैने तुम्हारी हँसी मे छिपे गम को देखा है | सुबह देखा है भीगा तकिया तुम्हारा, रातों को हाथ मे जाम-ए-मरहम को देखा है | देखा है गुलाब के काँटों से रिस्ता खून, उलफत के ग़ज़लों की होली जलते देखा है | देखा है एक शक़्स की यादों मे ग़मज़दा, तुम्हे प्यार के नगमो पे बिलखते देखा है | राहत की परतों मे छिपे ज़ख़्म को देखा है | मैने तुम्हारी हँसी मे छिपे गम को देखा है | देखा नहीं काजल में छिपी, दर्द की कालिख़, हँसते हुए आँखों को फिर भी नम तो देखा है | देखें हैं तुम्हारी कलाई पे निशान खंजर के, पीठ की लकीरों पे उनका एहसान देखा है | देखें है गोल दाग जैसे राख बुझी हो कोई, गाल पे छपा हुक्म का फरमान देखा है | राहत की परतों मे छिपे ज़ख़्म को देखा है | मैने तुम्हारी हँसी मे छिपे गम को देखा है | देखा है तुम्हे एक कंधे को तरसते, तुम्हारे कंधे पे सबको बिलखते देखा है | देखा है खुश तुम्हें तपती धूप मे भी और आँखों को बेमौसम बरसते देखा है | देखा है तुम्हें तन्हाइयों से तन्हा लड़ते, और भीड़ को देख तरसते देखा है | राहत की प
DOs and DON'Ts FOR E.M.P.L.O.Y.E.E.S.
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DOs and DON'Ts FOR EMPLOYEES SOME GUIDELINES FOR EVERYONE WHO ARE/ARE GOING TO BE, E.M.P.L.O.Y.E.E.S. (Eternally Maltreated Permanently Loyal Overtly Yearning Ever Enthusiastic Slaves) 1) Always bend the rules, but don't break them: You will not learn anything otherwise. Be prepared to never grow in life. The only way to learn the limits in life is to test them. Don't break the rules but do test what they are and more importantly, whether you can bear to break/bend/tamper with them. Each person has a unique way of learning. Know your limits. 2) Question your manager: That is what he is there for. A good manager does not mind your questioning him. On the contrary, that helps both him and you to grow. Even Gods have feet of clay. And remember, he was once in your shoes. Remind him that they pinch sometimes. Not at every opportunity, but don't let him forget that they do hurt. 3) Manage your manager: This is not as sinister as it sou
Situation Based, Love Related, Hindi Poetry
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प्यारे भाईयों, इंसानी मादाओं को शायरी बहुत पसंद आती है । समझ भले ही न आती हो । खासकर अगर आप प्यार नामक बीमारी से ग्रस्त हैं तो ऐसे बहुत से मौके आयेंगे जब आपको शायरी की ज़रुरत पड़ेगी । नीचे लिखी शायरी मेरी खुद की मौलिक रचनाएँ हैं और आप इनका उपयोग करने को पूर्णतया स्वतंत्र हैं बशर्ते आपके इस्तेमाल से किसी को व्यावसायिक लाभ ना मिले और आपके इस्तेमाल के फलस्वरूप मेरा चरण-पादुकाओं से सत्कार ना हो । Dear Bros., The human female totally adores poetry, even though they may not completely understand it, at times. If you have been bitten by the love-bug then you shall inevitably look towards poetry as a recourse at one time or the other. The literary gems below are my original and authentic creations and you are absolutely allowed to use them as long as no commercial benefit is derived from their use, and I don't face the dire consequences of said "use". ENJOY! *जब एहसास दिलाना हो की उनकी याद आती है :- हम तेरी याद के दरिया मे गोते खा रहे हैं, कि लम्हा